ग़ज़ल - टूटे दिल से पूछो, ख़ाहिशें क्या होती हैं

होंठ पर अटकी सदा की लर्ज़िशें क्या होती हैं
छोड़ दें जब साथ अपने, गर्दिशें क्या होती हैं
(लर्ज़िश = कंपन)

आपने दिल तोड़ डाला खेलकर जज़्बात से,
मेरे टूटे दिल से पूछो, ख़ाहिशें क्या होती हैं

क्यों हुई घर में लड़ाई ये बड़ों से पूछिये,
बच्चों से मत पूछिये ये रंजिशें क्या होती हैं

दो दिलों में प्यार होना सर्द बूँदों के तले,
इश्क़ वाले जानते हैं, बारिशें क्या होती हैं

की हुई कोशिश अगर तुमको बहुत ज़्यादा लगे,
चींटियों को देखना तुम, कोशिशें क्या होती हैं

© यमित पुनेठा 'ज़ैफ़'

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